Wait

एक अजीब सा वो दौर था,

कब धूप थी कब शाम, स्मरण नहीं हो रहा था,

कब रो जाए कब हंस, ये दिल बड़ा विचलित सा हो रहा था

दो क़दम चलना भी कठिन था, क्यूँकी ये सिर थोड़ा घुमक्कड सा हो रहा था,

मेरे अल्फ़ाज़ भी हार मान रहे थे, क्यूँकि ये शरीर अदमरा सा हो रहा था,

बस इतना जानता था, के वक़्त भी कहीं दौड़ रहा था,

जो मुसलसल मेरे दिल को साहस पहुँचा रहा था,

ये साहस जीने का था या मरने का, निश्चये नहीं हो पा रहा था,

पर यह जानता था, के मेरा अतीत मुझे पुकार रहा थ,

मुझे निरंतर वो हिम्मत दे रहा था, लेकिन अब सब कुछ व्यर्थ हो रहा था,

इस एहसास से के मेरा कल मुझे बुला रहा था, यह जीने का जज़्बा अब थम सा जा रहा था।

Evermore

Crown of wild, unruly curls
Heart of fickle fire
Soul with the wilful wings of want
She was no angel nor devil
But oh , oh why would she ever be just a human?
She was so much more ….
Life in evermore !
She was the beyond, the belief, the beauty
And so much more ….
Life in evermore !

~ By Kaisera Kanwar